The Shodashi Diaries
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
Each fight that Tripura Sundari fought can be a testomony to her may possibly as well as protective mother nature of your divine feminine. Her legends go on to inspire devotion and so are integral towards the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
The choice of mantra style is not really merely a subject of choice but reflects the devotee's spiritual aims and the nature of their devotion. It is just a nuanced element of worship that aligns the practitioner's intentions Using the divine energies of Goddess Lalita.
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The iconography serves for a point of interest for meditation and worship, permitting devotees to attach with the divine Electrical power of your Goddess.
सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥